देहरादून डेस्क: उत्तराखंड की राजधानी और शिक्षा का केंद्र माना जाता है, आज प्रशासन की उदासीनता और मिलीभगत के चलते नशे की गिरफ्त में फंसता जा रहा है. शहर में रात के अंधेरे में पब, बार और क्लब अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं, जहां नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. प्रशासन की चुप्पी और अधिकारियों की मिलीभगत के कारण यह गैरकानूनी गतिविधियाँ फल-फूल रही हैं, जिससे युवाओं का भविष्य खतरे में पड़ता जा रहा है.

लक्की राणा ने कहा कि राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन के बनाए नियमों के अनुसार, पब, बार और क्लबो को निश्चित समय 11 बजे तक ही संचालित करने की अनुमति है. लेकिन, ज़मीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग है. आधी रात के बाद भी कई पब, बार और क्लब धड़ल्ले से चलते हैं, जहां युवा खुलेआम नशे में डूबते दिखते हैं. पुलिस और प्रशासन की जानकारी के बावजूद इन पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जाती, जिससे यह स्पष्ट होता है कि अधिकारियों की मौन स्वीकृति के बिना यह संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि शहर के इन क्लबों में शराब और अन्य नशीले पदार्थों की उपलब्धता इतनी आसान हो गई है कि स्कूल और कॉलेज के छात्र भी इसकी चपेट में आ रहे हैं. यह न केवल उनकी शिक्षा और करियर पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है, बल्कि शहर में अपराध और सड़क दुर्घटनाएं भी बढ़ा रहा है. कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के कार्यकारी महानगर अध्यक्ष लक्की राणा ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाते हुए प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया है.
उन्होंने कहा कि यह स्थिति दर्शाती है कि बीजेपी सरकार और प्रशासन केवल बड़े-बड़े दावे करने में व्यस्त है, जबकि ज़मीनी स्तर पर भ्रष्टाचार चरम पर है. उन्होंने प्रशासन से पूछा कि क्या राज्य सरकार को युवाओं के भविष्य से ज्यादा सरकार और व्यापारियों की तिजोरी भरने की ज्यादा चिंता है? उन्होंने सरकार से मांग की है कि प्रशासन को तुरंत प्रभाव से सभी अवैध रूप से संचालित पब, बार और क्लबों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और जो भी अधिकारी इन गतिविधियों को नजरअंदाज कर रहे हैं, उनकी जवाबदेही तय कर उन पर भी सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. विरोध प्रदर्शन के दौरान लक्की राणा जी के साथ संजय गौतम, पार्षद अभिषेक तिवारी, विजय प्रसाद भट्टराई, अशोक कुमार, अरुण बलूनी, शिवम् कुमार, प्रवीण कश्यप, जगत प्रसाद, गौरव कुमार, सौरव कुमार, कृतज्ञ सिंह, आदिल आदि मौजूद थे.