अरशद खान: उत्तरकाशी की सिल्क्यारा टनल का ब्रेक थ्रू सकुशल खुद मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की मौजूदगी में हुआ। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने बाबा बौखनाग के मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा कर सिलक्यारा टनल का नाम बाब बौखनाग के नाम पर किए जाने का भी ऐलान किया. सीएम धामी ने सभी इंजीनियरों, विशेषज्ञों, श्रमिकों को बधाई देते हुए कहा कि ये ऐतिहासिक अवसर न केवल उन्नत इंजीनियरिंग की सफलता का प्रतीक है, बल्कि आस्था और समर्पण की शक्ति का जीवंत उदाहरण है.
इस दौरान मुख्यमंत्री से उत्तरकाशी जिले की पूर्व अध्यक्ष, नगर पालिका बड़कोट की पूर्व चैयरमेन व भाजपा नेत्री जशोदा राणा ने मुलाकात की. उन्होंने मंच पर सीएम धामी को देवभूमि उत्तराखंड की पहचान चारधामों का स्मृति चिन्ह देकर सप्रेम स्वागत किया. जशोदा राणा ने चार धाम यात्रा के मंगलमय होने और यमुना घाटी के चौतरफा विकास की कामना के साथ मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया.

जशोदा राणा खुद बाब बौखनाग की बड़ी सेविका हैं उन्होंने सिल्क्यारा टनल का नाम अपने देवता के नाम पर किए जाने के लिए समस्त उत्तराखंड वासियों और क्षेत्रवासियों को इसकी बधाई दी.

दरअसल 2023 में दीपावली की सुबह जब सिलक्यारा टनल हादसा हुआ था तो देश के साथ ही पूरी दुनिया की नजर इस सबसे बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन पर लगी थी. बड़े-बड़े टनल विशेषज्ञ और इंजीनियर टनल में फंसे 41 श्रमिकों की जान बचाने के लिए दिन-रात लगे थे. ऑस्ट्रेलिया के जाने-माने विशेषज्ञ भी कई दिन मोर्चा संभाले रहे थे.
उस दौरान ऑस्ट्रेलिया स्थानीय लोगों के साथ बाबा बौखनाग के मंदिर में पूजा करते हुए भी देखा गया था. उसके कुछ समय बाद ही सिल्क्यारा टनल का रेस्क्यू अभियान पूर्ण कर लिया गया था. ऐसी कई घटनाएं है जिनमें अक्सर ये देखा गया है कि उत्तराखंड में देवीय शक्तियों का निवास है और जिनमें एक उदाहरण इस रेस्क्यू अभियान को भी माना जाता है।