पंजाब के सीमावर्ती इलाकों की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बड़ा कदम उठाया है. राज्य सरकार अब 5500 होम गार्ड जवानों की भर्ती करने जा रही है. इसका मकसद नशा तस्करी को रोकना और बॉर्डर पर सेकेंड लाइन ऑफ डिफेंस को मज़बूत करना है.
वीरवार को चंडीगढ़ स्थित अपने सरकारी आवास पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मुख्य सचिव केएपी सिन्हा और पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अहम बैठक की. यह बैठक जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा को लेकर की गई.
सीएम मान ने राज्य में हाई अलर्ट जारी करने के साथ-साथ पाकिस्तान और जम्मू-कश्मीर से लगती पंजाब की 532 किलोमीटर लंबी सीमा पर चौकसी बढ़ाने के लिए एक्शन प्लान तैयार किया है.
बैठक में मौजूद पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जब भी पाकिस्तान के साथ तनाव की स्थिति बनती है, तो सबसे ज्यादा असर पंजाब पर पड़ता है. ऐसे में सीमावर्ती जिलों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना बेहद जरूरी हो गया है.
मुख्यमंत्री ने 5500 होम गार्ड जवानों की भर्ती को मंज़ूरी देते हुए कहा कि इन जवानों को बीएसएफ की पहली पंक्ति के पीछे तैनात किया जाएगा, ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जा सके.
इसके अलावा, 400 और जवानों की भर्ती सड़क सुरक्षा बल और राज्य आपदा राहत बल जैसे दस्तों में की जाएगी. सीएम मान जल्द ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से इस मसले पर चर्चा करने के लिए मुलाकात करेंगे और केंद्र से सहायता की मांग करेंगे.
अब देखना होगा कि ये नई सुरक्षा रणनीति पंजाब की सीमा को कितना सुरक्षित बना पाती है और नशा तस्करी जैसी समस्याओं पर कितनी रोक लगती है.