अरशद खान: देहरादून में नए नगर निगम बोर्ड को गठित हुए एक माह से अधिक का समय हो गया है लेकिन नगर निगम द्वारा अभी तक बोर्ड मीटिंग नहीं कराई गई है. इससे नगर निगम क्षेत्र में विकास कार्यों की रफ्तार धीमी पड़ी है. ये कहना है देहरादून के सामाजिक कार्यकर्ता विनोद जोशी का उन्होंने नगर निगम की ढीली कार्य प्रणाली पर निशाना साधते हुए कहा कि बोर्ड बैठक ना होने से वार्डो मे विकास कार्य अवरूद्ध पडे हैं और पार्षदों को जनता के सवालों का जवाब देने में परेशानी हो रही है. सबसे ज्यादा परेशानी नए पार्षदों को रही है उन्हें स्ट्रीट लाइट और सफाई जैसी समस्या का समाधान करने में परेशानी हो रही है. बोर्ड बैठक हो तो पार्षद वार्डों के मुद्दे बोर्ड बैठक में उठा सकेंगे.

विनोद जोशी ने अवगत कराया कि बोर्ड मीटिंग में ही वार्डों से जुड़ी समस्याओं का समाधान और स्वीकृति प्रदान की जाती है. आज कई वार्ड सफाई कर्मियों की कमी से जूझ रहे हैं, वार्डों मे नई स्ट्रीट लाइटें लगाई जानी हैं, स्ट्रीट लाइट के लिए नए बिजली के खंबे लगाए जाने हैं. इसके अलावा नाली, पुलिया निमार्ण जैसे काम अवरुद्ध पडे हैं. विकास कार्य न होने से जनता के साथ-साथ पार्षद भी परेशान हैं. नगर निगम और नगर निगम की अनुबंधित कंपनियों की खींचतान के चलते घरों से उठाए जाने वाले कूड़े का शुल्क लेना भी प्रभावित हो रहा है. 47 वार्डों मे वाटर ग्रेस कंपनी कूड़ा उठान का काम कर रही थी और घरों से उठाए जाने वाले कूड़े का शुल्क लेने का जिम्मा नगर निगम द्वारा महिला सहायता समूह को दिया गया था. लेकिन कंपनी के साथ नगर निगम की खींचतान के चलते महिला सहायता समूह को शुल्क वसूलने की अनुमति पर फिलहाल रोक है या यूं कहे कि स्थिति स्पष्ट नहीं क्योंकि नगर निगम द्वारा वाटर ग्रेस कंपनी को हटाकर नई कंपनी का टेंडर कर दिया था. लेकिन अभी तक प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है.