अरशद खान: पंजाब में नशा अपनी जड़ें जमाए हुए है. पंजाब का युवा इसकी लत से लगातार गर्त में जा रहा है. सत्तासीन भगवंत मान सरकार को भी विपक्ष नशे को ढाल बनाकर खरी-खोटी सुनाता आ रहा है. वैसे तो मान सरकार नशा मुक्ति के वादे के साथ पंजाब की सत्ता में आई थी और तभी से लगातार नशे के विरुद्ध अभियान भी चलाए जा रहे हैं लेकिन अब एक बार फिर सीएम मान और उनकी सरकार ने नशे को पंजाब से उखाड़ फेंकने का मन बना लिया है.
पंजाब को नशे की चपेट से मुक्त कराने के लिए सीएम भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली AAP सरकार ने राज्यभर में बड़े पैमाने पर अभियान चलाने का फैसला लिया है. इस अभियान के तहत नशे की रोकथाम और पुनर्वास की प्रक्रिया को मजबूत किया जाएगा.
आपको बता दें मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा ने सभी डिप्टी कमिश्नरों को अपने-अपने जिलों में नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए. मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा ने आदेश जारी करते हुए कहा कि सभी डिप्टी कमिश्नरों को दो दिनों के भीतर अपने जिलों के नशा मुक्ति केंद्रों को पूरी तरह से सुसज्जित करना होगा. इनमें आवश्यक दवाइयां, बुप्रेनोर्फिन, टेस्टिंग किट और पर्याप्त मेडिकल स्टाफ सुनिश्चित करना होगा.
CM भगवंत मान ने राज्य को नशामुक्त बनाने के लिए अपनी मंशा साफ कर दी है. सरकार न केवल ड्रग तस्करों और आपूर्तिकर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी, बल्कि नशे के आदी लोगों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए पूरी तरह से तैयार करेगी.