पंजाब में अप्रैल महीने की शुरुआत से ही हीट वेव के चलते बिजली की खपत में अप्रत्याशित वृद्धि देखी गई है. सोमवार को, 2024-25 के मुकाबले बिजली की खपत में 16 फीसदी का रिकॉर्ड इजाफा दर्ज हुआ. 7 अप्रैल 2024 को बिजली की खपत 144 मिलियन यूनिट (एमयू) रही थी, जबकि सोमवार को यह 167 मिलियन यूनिट तक पहुंच गई.
अगर अप्रैल महीने के पहले सात दिनों की बात करें, तो बिजली की खपत में कुल 5 फीसदी का इजाफा हुआ है. सोमवार को पंजाब में बिजली की अधिकतम मांग 8005 मेगावाट तक पहुंची, जो अप्रैल महीने में अब तक का सबसे अधिक आंकड़ा रहा. यह पिछले साल की तुलना में 15 फीसदी ज्यादा था, क्योंकि सात अप्रैल 2024 को बिजली की अधिकतम मांग केवल 6984 मेगावाट रही थी.
बिजली की खपत (एमयू में)
| तारीख | अप्रैल 2024 | अप्रैल 2025 | प्रतिशत वृद्धि |
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1 अप्रैल | 137 | 154 | 12% || 2 अप्रैल | 142 | 150 | 6% || 3 अप्रैल | 149 | 153 | 3% || 4 अप्रैल | 155 | 159 | 3% || 5 अप्रैल | 157 | 161 | 3% || 6 अप्रैल | 155 | 151 | -3% || 7 अप्रैल | 144 | 167 | 16% |
पावर संकट और थर्मल प्लांटों की स्थिति
पंजाब में गर्मी बढ़ने के साथ ही थर्मल प्लांटों के यूनिटों में तकनीकी खराबी का सिलसिला भी शुरू हो गया है. इस समय विभिन्न थर्मल प्लांटों के तीन यूनिट बंद पड़े हैं, जिससे कुल 1140 मेगावाट बिजली आपूर्ति ठप पड़ी है. इनमें लहरा मुहब्बत थर्मल का 210 मेगावाट का एक नंबर यूनिट, तलवंडी साबो थर्मल का 660 मेगावाट का दो नंबर यूनिट और गोइंदवाल थर्मल का 270 मेगावाट का दो नंबर यूनिट शामिल हैं.
इनमें से लहरा मुहब्बत का यूनिट 20 अप्रैल तक चालू होने की संभावना है. हालांकि, गर्मी का प्रकोप पहले ही शुरू हो चुका है. कोयले के स्टॉक की स्थिति भी चिंता का विषय है, खासकर तलवंडी साबो थर्मल में, जहां केवल 11 दिनों का कोयला स्टॉक बचा है. इसके मुकाबले, अन्य थर्मल प्लांटों में संतोषजनक स्थिति में कोयला स्टॉक उपलब्ध है.
बिजली की आपूर्ति और पावरकॉम के उपाय
पावरकॉम ने गर्मी और धान के सीजन में बिजली की बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए कई उपाय किए हैं. अधिकारियों के मुताबिक, शॉर्ट टर्म खरीद समझौतों के तहत लगभग 1000 मेगावाट बिजली खरीदी जाएगी. इसके अलावा, ट्रांसमिशन क्षमता (एटीसी) सीमा 9500 मेगावाट से बढ़ाकर 10400 मेगावाट कर दी गई है. पावरकॉम लगभग 10,000 मेगावाट बिजली बाहरी स्रोतों से खरीदेगा, और 6000 मेगावाट का घरेलू उत्पादन करने का दावा भी किया है.
इस तरह, पंजाब में बिजली की बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन थर्मल प्लांटों की तकनीकी समस्याओं और कोयले के स्टॉक की कमी पर नजर रखना बेहद जरूरी होगा.