राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 पारित, प्रधानमंत्री मोदी ने दी सराहना

राज्यसभा ने वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता बढ़ाने और अन्य महत्वपूर्ण प्रावधानों के साथ वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 को बृहस्पतिवार को 95 के मुकाबले 128 मतों से मंजूरी दे दी. विधेयक में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और निगरानी से संबंधित सुधार प्रस्तावित किए गए हैं, जिन्हें सरकार ने गरीब एवं पसमांदा मुसलमानों तथा मुस्लिम महिलाओं के हितों की रक्षा के लिए लाभकारी बताया है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में इस विधेयक के पारित होने पर अपनी सराहना व्यक्त की. उन्होंने कहा कि यह विधेयक सामाजिक-आर्थिक न्याय, पारदर्शिता और समावेशी विकास के सामूहिक प्रयास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि वक्फ प्रणाली दशकों से पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी का प्रतीक बन गई थी, जिससे विशेष रूप से मुस्लिम महिलाओं और गरीब मुसलमानों के अधिकारों का उल्लंघन हुआ. उन्होंने कहा कि यह विधेयक न केवल पारदर्शिता को बढ़ावा देगा, बल्कि नागरिकों के अधिकारों की रक्षा भी करेगा. प्रधानमंत्री ने संसद के सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया जिन्होंने इस विधेयक पर लंबी बहस की और सुझाव दिए, जिनसे इस कानून को मजबूत बनाने में मदद मिली. उन्होंने कहा, “हम हर नागरिक की गरिमा की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस विधेयक से हम एक मजबूत और समावेशी भारत का निर्माण कर सकते हैं.”इससे पहले, राज्यसभा में इस विधेयक पर 13 घंटे से अधिक समय तक बहस हुई, जिसमें विपक्षी दलों ने इसे “मुस्लिम विरोधी” और “असंवैधानिक” बताया. हालांकि, सरकार ने इसे ऐतिहासिक सुधार करार दिया और कहा कि यह विधेयक अल्पसंख्यक समुदाय के लिए फायदेमंद होगा. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने विधेयक पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 2006 में वक्फ संपत्तियों की संख्या 4.9 लाख थी, जिनसे मात्र 163 करोड़ रुपये की आय होती थी. उन्होंने बताया कि अब वक्फ संपत्तियों की संख्या बढ़कर 8.72 लाख हो गई है, और इस विधेयक से इन संपत्तियों के प्रबंधन में और सुधार होगा. विधेयक में यह भी प्रावधान किया गया है कि वक्फ संपत्तियों पर निगरानी और प्रशासन का दायित्व मुतवल्ली और संबंधित अधिकारियों का होगा, जबकि सरकार वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी. राज्यसभा ने विपक्ष के कई संशोधनों को खारिज किया और विधेयक को मंजूरी प्रदान की. अब यह विधेयक लोकसभा द्वारा भी पारित किया जा चुका है.

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