मध्य प्रदेश में बाढ़ के समय, तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का एक वीडियो और कुछ तस्वीरें काफी वायरल हुई थीं, जिसमें वे बाढ़ प्रभावित इलाकों का हेलिकॉप्टर से हवाई सर्वेक्षण कर रहे थे। एक तस्वीर में उन्हें बाढ़ के पानी से गुजरने के लिए सुरक्षाकर्मियों द्वारा उठाए हुए भी देखा गया था, जिससे यह आरोप लगा कि यह सब केवल दिखावा था। इस घटना पर विपक्ष और सोशल मीडिया पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। उनका यह तरीका जनता के बीच यह संदेश देने में विफल रहा कि वह उनके साथ हैं, बल्कि इसे एक राजनीतिक नाटक के रूप में देखा गया।
इसके विपरीत, पंजाब के वर्तमान मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बाढ़ के दौरान बिल्कुल अलग तरीका अपनाया। उनकी कई तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, जिसमें वह बिना किसी तामझाम के, अपनी गाड़ी में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करते दिखे। वे लोगों के बीच गए, उनसे बात की और उनकी समस्याओं को सीधे तौर पर सुना। एक तस्वीर में वह बाढ़ के पानी में खड़े होकर लोगों को राहत सामग्री बाँटते हुए भी देखे गए। उनका यह तरीका दिखाता है कि वह वास्तव में जनता के बीच हैं और उनकी परेशानियों को समझते हैं। भगवंत मान का यह कदम दिखाता है कि वह दिखावे से ज्यादा जमीनी काम करने में विश्वास रखते हैं।
दोनों नेताओं में जनता से जुड़ाव का अंतर
यह दोनों घटनाएँ बीजेपी और आप के मुख्यमंत्रियों की कार्यशैली में बड़ा अंतर दर्शाती हैं। जहाँ एक तरफ शिवराज सिंह चौहान ने सुरक्षित दूरी बनाए रखकर सर्वेक्षण किया, वहीं दूसरी ओर भगवंत मान ने सक्रिय रूप से जनता के बीच जाकर उनकी मदद की। भगवंत मान का यह कदम जनता में विश्वास जगाता है और यह संदेश देता है कि उनके मुख्यमंत्री उनके साथ खड़े हैं। यह दिखाता है कि आप पार्टी जनता से सीधे जुड़ाव को कितना महत्व देती है, जबकि बीजेपी के नेताओं पर अक्सर जनता से दूर रहने का आरोप लगता है।