पानी विवाद पर सीएम भगवंत मान का बड़ा बयान, हरियाणा को 100 क्यूसेक पानी देने का ऐलान

पंजाब और हरियाणा के बीच लंबे समय से चले आ रहे पानी विवाद पर अब नया मोड़ आ गया है. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि हरियाणा को उसके अधिकार के अनुसार पानी दिया जा रहा है. आम आदमी पार्टी द्वारा बीते दो सप्ताह से बीबीएमबी (भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड) के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन को अब समाप्त कर दिया गया है. इसी क्रम में सीएम मान, मंत्री हरजोत सिंह बैंस समेत कई नेता आज नंगल डैम पहुंचे.

सीएम भगवंत मान ने ऐलान किया कि हरियाणा को 21 मई दोपहर 1 बजे से प्रति घंटे 100 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जो अगले साल 21 मई तक जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि हरियाणा को उसके हक का पानी मिल रहा है, बावजूद इसके विवाद खड़ा किया गया और कोर्ट में याचिका भी दाखिल की गई.

मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा की हिस्सेदारी 15.6 लाख क्यूसेक पानी की है, जबकि उसने 16.48 लाख क्यूसेक का उपयोग किया है। इसलिए अब उसे अतिरिक्त पानी नहीं दिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब कभी भी हरियाणा का हक नहीं छीनेगा, लेकिन इससे अधिक पानी नहीं मिलेगा.

नीति आयोग की बैठक में रखेंगे मुद्दा

सीएम मान ने बताया कि 24 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक होने जा रही है, जिसमें वे पंजाब के जल अधिकारों पर अपना पक्ष मजबूती से रखेंगे और पुनर्गठन की मांग करेंगे.

उन्होंने कहा, “पूरा देश पंजाब के अन्न पर निर्भर है, तो पंजाब को भी अपने पानी का अधिकार चाहिए. पहली बार पंजाब अपने पानी का इस्तेमाल कर रहा है. बीबीएमबी अब हमारे लिए सफेद हाथी बन चुका है.”

मान ने बताया कि बीबीएमबी में पंजाब के हिस्से के 3,000 पद खाली हैं, जिन्हें जल्द भरा जाएगा. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि बीबीएमबी ने 20 दिन पहले एक फरमान जारी करते हुए 4,500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोड़ने को कहा था, जबकि हरियाणा को पहले ही उसके हिस्से का पानी दिया जा चुका था.

तीनों राज्यों को पानी की आपूर्ति शुरू

आज से बीबीएमबी ने पंजाब, हरियाणा और राजस्थान को पानी छोड़ना शुरू कर दिया है. इसके तहत पंजाब को 17,000 क्यूसेक, हरियाणा को 10,300 क्यूसेक और राजस्थान को 12,400 क्यूसेक पानी मिलेगा.

सीएम मान ने पिछली सरकारों पर तंज कसते हुए कहा कि, “अब पानी की रखवाली करने वाले आ गए हैं. जिनके खेतों में नहरें खत्म हो जाती हैं, वे पानी की कद्र जानते हैं.”

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