पानी को लेकर पंजाब-हरियाणा में टकराव तेज, सीएम भगवंत मान ने कहा – “पंजाब के पास अतिरिक्त पानी नहीं, एक बूंद भी नहीं देंगे”

पानी को लेकर पंजाब और हरियाणा एक बार फिर आमने-सामने आ गए हैं. हरियाणा की ओर से अतिरिक्त पानी की मांग के जवाब में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने साफ शब्दों में कह दिया है कि पंजाब के पास देने के लिए एक बूंद भी अतिरिक्त पानी नहीं है.

दरअसल, हरियाणा के मुख्यमंत्री ने 27 अप्रैल को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर यह दावा किया था कि फोन पर उन्हें पंजाब से पानी मिलने का आश्वासन दिया गया था. लेकिन अब सीएम भगवंत मान ने इस दावे को झूठा और भ्रामक बताया है.

“आपने लिखा कि मैंने आपको पानी देने का आश्वासन दिया था. ये सरासर झूठ है. मैंने सिर्फ आपकी बात सुनी थी, पर कोई वादा नहीं किया. पंजाब के पास अतिरिक्त पानी है ही नहीं.”

पंजाब सीएम ने यह भी बताया कि हर साल BBMB – यानी भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड – तीन राज्यों पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के बीच पानी का बंटवारा करता है. इस साल पंजाब को 5.512 MAF, हरियाणा को 2.987 MAF और राजस्थान को 3.318 MAF पानी मिला है.

मान का आरोप है कि हरियाणा सरकार ने अपने हिस्से के पानी का सही उपयोग नहीं किया और साल खत्म होने से पहले ही 31 मार्च 2025 तक पानी खत्म कर लिया. अब हरियाणा ने पंजाब से रोज़ाना 4000 क्यूसेक पानी मांगा, जो पंजाब ने इंसानियत के नाते देना शुरू भी कर दिया.

“हमने 6 अप्रैल से अपने हिस्से से हरियाणा को रोज 4000 क्यूसेक पानी देना शुरू किया. लेकिन अब आप कह रहे हैं कि 8500 क्यूसेक पानी चाहिए, जो सिंचाई के लिए है. हमारे किसान भी संकट में हैं. हम अपने हिस्से का पानी नहीं दे सकते.”

सीएम मान ने आगे कहा कि पंजाब के डैम्स में जल स्तर पिछले साल के मुकाबले काफी नीचे है – पोंग डैम 32 फीट, भाखड़ा 12 फीट और आरएसडी 14 फीट नीचे है. इस हालत में पानी देना नामुमकिन है.

अपने पत्र में भगवंत मान ने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि BBMB की मीटिंग में गैर कानूनी तरीके से फैसले लिए गए और पंजाब का हक छीनने की कोशिश हो रही है.

अपने पत्र में भगवंत मान ने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि BBMB की मीटिंग में गैर कानूनी तरीके से फैसले लिए गए और पंजाब का हक छीनने की कोशिश हो रही है.

“आप अपनी केंद्र सरकार की ताकत का गलत इस्तेमाल करके पंजाबियों के साथ धक्का कर रहे हो. पंजाब का पानी, पंजाब के लिए है – और रहेगा.”

फिलहाल इस मुद्दे पर सियासी बयानबाज़ी तेज हो गई है, लेकिन आम लोगों और किसानों की नजरें अब BBMB और केंद्र के अगले कदम पर हैं. देखना होगा कि इस पानी के विवाद का हल किस तरह निकलता है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *