पंजाब सरकार का “युद्ध नशे के विरुद्ध” अभियान लगातार तेज़ होता जा रहा है. मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पूरे राज्य में 1 मार्च से नशा तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है. इसी कड़ी में शनिवार को मोगा जिले में जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी (DDPO) ने बड़ी कार्रवाई की.
DDPO की टीम ने नशा तस्करों द्वारा सरकारी और शामलात ज़मीन पर किए गए अवैध कब्जों को ध्वस्त करने के लिए जेसीबी मशीन चलाई. कार्रवाई के दौरान भारी पुलिस बल मौके पर तैनात रहा, वहीं बुलडोजर चलते देख आस-पास के लोग भी बड़ी संख्या में जुट गए. यह कार्रवाई पंजाब सरकार की उस नीति को दर्शाती है, जिसके तहत नशा तस्करों के खिलाफ सख्त संदेश देने की कोशिश की जा रही है.
यह अभियान 1 मई को दो महीने पूरे कर लेगा, और अब तक राज्य भर में सैकड़ों अवैध कब्जों पर कार्रवाई हो चुकी है.
हरभजन सिंह का दोहरा बयान
इसी बीच आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद और पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह ने इस कार्रवाई पर शुरुआत में आपत्ति जताई थी. उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “मैं नशा तस्करों के घर पर बुलडोजर चलाने के हक में नहीं हूं. अगर किसी ने सरकारी जमीन पर कब्जा किया है तो उस पर कार्रवाई जायज़ है, लेकिन घर को तोड़ते समय वहां रहने वाले अन्य निर्दोष लोगों के प्रति संवेदनशीलता रखनी चाहिए.”
हालांकि कुछ ही घंटों बाद हरभजन सिंह ने एक और पोस्ट कर स्थिति स्पष्ट की. उन्होंने लिखा, “मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि पंजाब की आप सरकार पहली सरकार है जो इतने ठोस कदम उठा रही है. मैं इस कार्रवाई का पूर्ण समर्थन करता हूं. हमें एकजुट होकर नशे के खिलाफ इस जंग को जीतना है.”
हरभजन सिंह के इस रुख ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में चर्चा छेड़ दी है, लेकिन उनका समर्थन मिलने से सरकार की नीति को और बल मिला है.
जनता और प्रशासन की साझा जंग
पंजाब सरकार का यह अभियान अब सिर्फ प्रशासनिक कार्रवाई नहीं रह गया है, बल्कि यह एक सामाजिक आंदोलन का रूप ले चुका है. “युद्ध नशे के विरुद्ध” अब लोगों की आवाज बनता जा रहा है और राज्य को नशा मुक्त बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम साबित हो रहा है.