पंजाब को नशे के चंगुल से आज़ाद कराने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में राज्य सरकार ने एक नई मुहिम शुरू करने का ऐलान किया है. ‘नशा मुक्ति यात्रा’ नामक इस अभियान का उद्देश्य हर गांव और हर वार्ड तक नशा विरोधी संदेश पहुंचाना और जनजागरण करना है.
मुख्यमंत्री मान ने लोगों से अपील की है कि वे नशे के खिलाफ एकजुट होकर लड़ें और इस सामाजिक बुराई को जड़ से खत्म करने में सरकार का साथ दें. उन्होंने कहा कि पंजाब के नौजवानों को बचाने के लिए यह संघर्ष अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है.
2 से 4 मई तक जिला स्तर पर बैठकें, 7 मई से गांव-गांव जनसभाएं
इस मुहिम के तहत 2 से 4 मई तक राज्य के सभी जिलों में नशा मुक्ति को लेकर उच्च स्तरीय बैठकें होंगी. इन बैठकों में पुलिस, प्रशासन और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी भाग लेंगे. इसके बाद 7 मई से राज्य के हर गांव और हर वार्ड में जनसभाओं का आयोजन किया जाएगा, जिनका मकसद नशे के खिलाफ जनजागरूकता फैलाना है.
31 मई 2025 तक ‘नशा मुक्त पंजाब’ का लक्ष्य
इस अभियान को लेकर पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने सभी जिलों के एसएसपी और पुलिस कमिश्नरों की बैठक बुलाई है. बैठक में ग्राउंड रिपोर्ट पेश करने और नशा खत्म करने की रणनीति पर चर्चा हुई. डीजीपी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि हर अधिकारी व्यक्तिगत रूप से इस अभियान की जिम्मेदारी ले और 31 मई 2025 तक ‘नशा मुक्त पंजाब’ के लक्ष्य को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाए.
डीजीपी का सख्त संदेश
डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि नशा बेचने और फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने सभी पुलिस अधिकारियों से कहा कि वे अपने जिलों में सक्रिय नेटवर्क को तोड़ने के लिए ठोस प्लान बनाएं और नशे के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस नीति अपनाएं.
सरकार की चेतावनी: नशा फैलाने वालों को नहीं बख्शा जाएगा
सरकार ने स्पष्ट किया है कि नशे के धंधे में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो. मुख्यमंत्री मान ने कहा कि आने वाले महीनों में यह अभियान जन आंदोलन का रूप लेगा और पंजाब को फिर से नशा मुक्त, खुशहाल राज्य बनाया जाएगा.