देहरादून की सड़कों पर पैदल चलना बना खतरा, एक साल में 20 जिंदगियों ने गंवाई जान

देहरादून की तेज रफ्तार सड़कों पर अब पैदल चलना भी जान जोखिम में डालने जैसा हो गया है. पिछले एक साल में करीब 20 पैदल यात्रियों की मौत सिर्फ इसलिए हुई क्योंकि या तो वाहन तेज थे या चालक लापरवाह. इनमें बुजुर्ग, मजदूर और आम नागरिक शामिल हैं, जो सिर्फ अपने गंतव्य तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे.

12 मार्च 2025 – राजपुर रोड पर एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ. होली की पूर्व संध्या पर चार मजदूर सड़क किनारे चल रहे थे, तभी एक लग्जरी कार ने उन्हें रौंद दिया. टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कुछ मजदूर 50 मीटर तक हवा में उछलकर गिरे. सभी की मौके पर मौत हो गई. ये मजदूर अपने परिवार के साथ होली मनाने के लिए घर जा रहे थे.

23 अप्रैल 2025 – मालदेवता में एक बुजुर्ग सड़क पार कर रहे थे. अचानक तेज रफ्तार कार ने उन्हें टक्कर मार दी. चालक नशे में था और तेज रफ्तार के शौक में बुजुर्ग की जान ले बैठा.

11 फरवरी 2025 – पटेलनगर में एक और हादसा। दो पैदल चल रहे लोगों को तेज रफ्तार वाहन ने कुचल दिया. एक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरा कई दिनों तक अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझता रहा.

इन हादसों से एक बात साफ है – दिन ढलने के बाद हादसों की संख्या तेजी से बढ़ जाती है. धीमी रोशनी, चालकों की लापरवाही और बिना हेड लाइट के चलने वाले वाहन इन घटनाओं को और भयावह बना देते हैं.

शहर में स्मार्ट सिटी योजना के तहत 49 चौराहों पर पैदल यात्रियों के लिए पेडेस्ट्रियन सिग्नल लगाए गए हैं. लेकिन जागरूकता के अभाव में इनका उपयोग बहुत कम होता है.

क्या करें वाहन चालक:

दिन ढलते ही हेड लाइट ऑन करें

ऑटो हेडलैंप फीचर को एक्टिव रखें

स्पीड लिमिट का पालन करें

बंपर में छेड़छाड़ न करें

गाड़ियों की ब्रेक और लाइट समय-समय पर चेक करें

क्या करें पैदल यात्री:

हमेशा जेब्रा क्रॉसिंग से ही सड़क पार करें

सड़क पार करते समय दोनों ओर ध्यान दें

फुटपाथ का उपयोग करें

बच्चों और बुजुर्गों को सड़क पार कराते समय सावधानी बरतें

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