पंजाब और भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड यानी बीबीएमबी के बीच चल रहे जल विवाद ने आज बड़ा मोड़ ले लिया. बीबीएमबी चेयरमैन मनोज त्रिपाठी के अचानक नंगल डैम दौरे पर पहुंचने के बाद सियासी पारा चढ़ गया. पंजाब पुलिस ने चेयरमैन को डैम परिसर में घुसने से रोक दिया, और मौके पर तनावपूर्ण हालात बन गए.
सूत्रों के मुताबिक, बीबीएमबी चेयरमैन मनोज त्रिपाठी आज सुबह करीब 9 बजे गुप्त रूप से नंगल डैम पहुंचे थे. उन्होंने पहले ही जिला प्रशासन से सुरक्षा की मांग की थी, लेकिन जब वे डैम पहुंचे, वहां पहले से तैनात पंजाब पुलिस ने उन्हें परिसर में घुसने नहीं दिया.
त्रिपाठी ने हाल ही में आए हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए डैम में प्रवेश की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने सुरक्षा का कारण बताकर उन्हें रोक दिया. दरअसल, मामला 2 मई को दिल्ली में हुई उस बैठक से जुड़ा है, जिसकी मिनट्स पंजाब सरकार को अब तक नहीं मिले हैं.
पंजाब जल संसाधन विभाग ने बीबीएमबी के डायरेक्टर (सुरक्षा) को पत्र लिखकर साफ कहा है कि जब तक बैठक के मिनट्स नहीं सौंपे जाते, तब तक कोई कार्रवाई न की जाए. कोर्ट ने केंद्र के निर्णयों के आधार पर हरियाणा को 4500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी देने को कहा था, लेकिन बिना मिनट्स के पंजाब सरकार ने इस पर रोक लगा दी है.
इस घटनाक्रम के बीच, पंजाब सरकार के मंत्री हरजोत सिंह बैंस और वरिंदर गोयल मौके पर धरने पर बैठ गए हैं. वहीं, मुख्यमंत्री भगवंत मान भी नंगल डैम पहुंच चुके हैं. उनका साफ कहना है कि जब तक स्थिति स्पष्ट नहीं होती, तब तक कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा.
बीबीएमबी चेयरमैन मनोज त्रिपाठी को पुलिस द्वारा रोके जाने और पंजाब सरकार के मंत्रियों के डैम परिसर पहुंचने के बाद यह मामला अब सिर्फ जल विवाद नहीं रहा—यह पंजाब और केंद्र के बीच प्रशासनिक टकराव का प्रतीक बनता जा रहा है. आगे की कार्रवाई पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं.