अरशद खान: शिरोमणि अकाली दल (SAD) के वरिष्ठ नेता और पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया की मुश्किलें बढ़ गई हैं. पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने विजिलेंस ब्यूरो द्वारा दर्ज आय से अधिक संपत्ति (Disproportionate Assets – DA) के एक मामले में मजीठिया पर मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है.
क्या है पूरा मामला ?
यह मामला मजीठिया द्वारा कथित तौर पर घोषित आय से लगभग 1,200 प्रतिशत अधिक, यानी 700 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति रखने से संबंधित है. आरोप है कि यह संपत्ति 2013 के एक ड्रग तस्करी नेटवर्क से जुड़े ₹540 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग के माध्यम से अर्जित की गई थी.
कानूनी मंजूरी: राज्यपाल ने यह मंजूरी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 19 के तहत दी है. यह कदम पंजाब कैबिनेट द्वारा 8 सितंबर को दी गई सिफारिश के बाद उठाया गया है. चूंकि मजीठिया पूर्व मंत्री रह चुके हैं, इसलिए उन पर मुकदमा चलाने के लिए राज्यपाल की मंजूरी आवश्यक थी.
आगे की राह: राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद, पंजाब विजिलेंस ब्यूरो (VB) के लिए अब मोहाली सत्र न्यायालय में मजीठिया के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करने और उन पर आरोप तय करने का रास्ता साफ हो गया है. विजिलेंस ने पहले ही अगस्त में इस मामले में 40,000 पन्नों से अधिक का चार्जशीट दाखिल किया था.
मजीठिया, जिन्हें जून 2025 में विजिलेंस ने गिरफ्तार किया था, वर्तमान में पटियाला की नाभा जेल में न्यायिक हिरासत में हैं. इस मंजूरी ने पंजाब की राजनीति में एक बार फिर गर्माहट ला दी है, जहां आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को मजबूती से पेश कर रही है.