अपराधी हुए बेकाबू, कहां है सुशासन बाबू ? बंदूक की गोली बनी अपराधियों की बोली !

मुजफ्फरपुर: बिहार में इस वक्त क्या हो रहा है, क्यों हो रहा है, और कैसे हो रहा है, ये हमे आपको बताने का लगभग जरूरत तो नहीं है, क्योंकि हर टीवी चैनल पर आप देख रहे होंगे, इस वक्त बिहार के क्या हालात है, एक तरफ सुशासन बाबू 24 में परचम फहराने के लिए जादुई जीन का चिराग ढूंढ रहे है, जो उन्हें पीएम की कुर्सी तक ले जाए, तो वहीं बिहार गोलियों से गूंज है, सुशासन और जंगलराज की लाइनें बिहार को परिभाषित कर रही हैं, आखिर बिहार का चाल, चित्र और चरित्र इस वक्त क्या हैं. नीतीश के दरबार बा, गुंडन के भरमार बा, गोलीबारी, छिनाछपटी में सुशासन बर्बाद बा, जी हां अगर आप यूपी घूमना चाहते है, दिल्ली घूमना चाहते है, मुंबई भी घूमना चाहते है, तो फिर ठीक है, लेकिन गलती से आप बिहार घूमना चाहते है, तो एक जरूरी जानकारी ले लीजिए, की अगर आप बिहार जा रहे है, तो अपना बिमा करवा लीजिए, अगर आपके पास सुरक्षा व्यवस्था के पूरे इंतजाम है, तो आप आराम से जाइए, लेकिन अगर आपके पास पूरा इंतजाम नहीं हैं, तो आप अपना प्लान बदल लीजिए.

बिहार में अगर कोई गुंडा आपके घर में घुस जाए तो हैरानी की बात नहीं, क्योंकि बिहार में सुशासन राज है अगर आपको कहीं गोलियों की तड़तड़ाहट की आवाज सुनाई दे तो परेशान होने की जरूरत नहीं, क्योंकि जिसके पास गन है वो तो गोलियां चलाएगा ही. किसी ने उसके हाथ नहीं रोक रखे है अगर किसी के पास गन है तो आप थोड़ा संभल के चलिए, क्योंकि अगर वो शॉर्ट टेंपर है तो दिक्कत उसे नहीं आपको होनी चाहिए क्योकि उसका इगो हर्ट करना आप पर भारी पड़ सकता है. क्योंकि बिहार में सिर्फ बंदूक की भाषा बोली जाती है. क्योंकि सुशासन का राज है और सुशासन की ताजा झलकियों के बीच एक और झलकी देखने को मिली. जगह थी बिहार का मुजफ्फरपुर जहां पर एक रेस्टोरेंट में उस समय हड़कंप मच गया जब कुछ बदमाशों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. जानकारी के मुताबिक अपराधियों ने 20 राउंड से ज्यादा गोलियां चलाईं इस दौरान रेस्टोरेंट में भगदड़ का माहौल हो गया, करीब 35 गेस्ट वहां मौजूद थे. जिन्होंने किसी तरह अपनी जान बचाई घटना होने के बाद वहां दहशत का माहौल रहा मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस पहुंची और अब पुलिस अधिकारी सीसीटीवी के आधार पर मामले की जांच में जुटे हुए हैं उससे पहले भी आपने बहुत से मामले सुनें हैं जब बिहार गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा.

आपने सुना होगा कि बिहार में बहार है, क्योकि नीतीश कुमार है लेकिन बिहार में इस वक्त शासन व्यवस्था बेकार है, क्योंकि सुशासन बिमार है और सुशासन बाबू पर 24 का भूत सवार है जरा सोचिए की जिनसे बिहार नहीं संभल रहा वो देश संभालने की बात कर रहे है. बिहार में गोलियों से सुशासन की कहानी लिखी जा रही है सड़कों पर अपराधी शव को घसीटकर बिहार में सुशासन की तस्वीर दिखा रहे है पत्रकार को घर में घूसकर उसके काम के लिए गोलियो की सलामी दी जा रही है. सुशासन की इससे बेहतर तस्वीर नीतीश बाबू की नजरों में और क्या हो सकती है.

बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी जी अपने ख्याली सपनों में सो रहे है और बिहार इस वक्त खून के आंसू रो रहा है. बड़े ताज्जूब की बात है कि मणिपुर पर पूरा विपक्ष पहुंचा पीड़ितों के आंसू पोछे जो की जरूरी भी था. लेकिन बिहार में शायद विपक्ष की ट्रेन का रूट नहीं है, विपक्ष की ट्रेन का रूट मणिपुर और बीजेपी शासित राज्यों में ही है. बिहार छत्तीसगढ़ और राजस्थान समेत वो राज्य जहां खुद विपक्ष विराजमान है वहां ना तो विपक्ष का रूट है ना ही वहां के पैसेंजरों के लिए विपक्ष की ट्रेन में जगह है.

बिहार जंगलराज के दौर में एक बार फिर पहुंच चुका है और नीतीश बाबू विपक्ष को जोड़ने में लगे हुए है और 24 में जीत के लिए जादूई चिराग ढूंढने में लगे है ताकी उसे घिसकर उसमें जादूई जिन को निकाल सके और उससे 24 में अपना गणित बिठा सके लेकिन गणित छोड़िए. बिहार कि हिस्ट्री रिवाइंड हो रही है उस पर ब्रेक लगाने का टाइम है…लेकिन ना नीतीश बाबू को इसकी सुध है और ना ही विपक्ष को खैर अभी और क्या-क्या तस्वीरें बिहार से सामने आती है. यह तो वक्त रहते सामने आता रहेगा लेकिन इंतजार है कि बिहार में जंगलराज पर सर्जिकल स्ट्राइक कब होगी.

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