पिथौरागढ़: मंजिल उन्हें को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है इस कहावत को साक्षात किया है उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के रहने वाली दो बहनों विनीता पांडे और अर्चना पांडे ने. पिथौरागढ़ जिले के पाभै गांव में रहने वाली दो बहनों ने UKPSC की परीक्षा उत्तीर्ण की है. इस परीक्षा में सिर्फ इन दोनों बहनों का संघर्ष नहीं है बल्कि उनके पूरे की मेहनत भी इनके साथ सफल हुई है.
सफलता हमेशा उन लोगों को मिली है जिन्होंने संघर्ष किया। कितनी भी कठिनाइयां आ जाए अपनी मेहनत, लगन और निरन्तर प्रयास से आप अपनी मंजिल तक जरूर पहुंच सकते हैं। संघर्ष कि एक ऐसी ही कहानी सामने आई है पिथौरागढ़ जिले से। पिथौरागढ़ जिले के पाभै गांव में रहने वाली दो बहनों ने UKPSC की परीक्षा उत्तीर्ण की है। इस परीक्षा में सिर्फ दो बहनों का संघर्ष नहीं बल्कि पूरे परिवार का संघर्ष व मेंहनत शामिल हैं।
विनीता पांडे और अर्चना पांडे की पारिवारिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है फिर भी उनके मां-बाप ने कभी अपने बच्चों की पढ़ाई के साथ समझौता नहीं किया. दोनों के पिता का वेतन घर का खर्च और बच्चों की पढ़ाई के लिए काफी नहीं था तो इसलिए उनकी माताजी ने कागज के लिफाफे बनाकर बच्चों की पढ़ाई में मदद की. इतना ही नहीं उन्होंने कढ़ाई बुनाई व शादियों में मांगल गीत तक गाए तब जाकर उन्होंने इन दोनों बच्चों को इस मुकाम तक पहुंचाया है.
अर्चना पांडेय और विनीता पांडेय ने सरस्वती बालिका इंटर कालेज से अपनी पढ़ाई की. इसके बाद अर्चना ने MSc और फिर BEd किया. विनीता ने BSc के बाद अंग्रेजी से MA किया. अर्चना और विनीता के पिता द्वारिका प्रसाद पांडेय 30 वर्ष से सरस्वती शिशु मंदिर नया बाजार में आचार्य के तौर पर कार्यरत हैं और माता भागीरथी कताई-बुनाई करने के साथ-साथ अख़बार के लिफाफे भी बनाती है और शुभ कार्यों में मांगल गीत भी गाती हैं.