शिमला: हिमाचल प्रदेश में आई भारी आपदा के बाद पक्ष विपक्ष दोनों ही राजनीति से इतर प्रदेश को बचाने के लिए हर प्रयास करते नजर आ रहे हैं. लेकिन केंद्र सरकार से मिल राहत राशि समय से न मिल पाने कारण राज्य सरकार चिंतित है. ऐसे में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह ने रविवार को राज्यतिथि गृह पीटरहॉफ में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर के साथ हिमाचल में आपदा से हुए भारी नुक्सान के संबंध में चर्चा की. इस दौरान सीएम ने केंद्र सरकार द्वारा अंतरिम राहत की पहली किस्त देरी से जारी करने का मामला भी उठाया. उन्होंने नड्डा और अनुराग ठाकुर से वित्तीय सहायता प्रदान करने की प्रक्रिया में तेजी लाने का आग्रह किया. सीएम ने कहा कि जेपी नड्डा से पूरी उम्मीद है कि वे प्रदेश को विशेष पैकेज उपलब्ध करवाने में मदद करेंगे और प्रदेश का पक्ष केंद्र सरकार के समक्ष सही ढंग से रखेंगे. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा से प्रदेश को 10 हजार करोड़ रुपए से अधिक का नुक्सान हुआ है. केंद्र सरकार द्वारा आकलन टीमें भेजे जाने के बावजूद अंतरिम राहत अभी भी लंबित है.
उन्होंने राज्य में स्थितियां सामान्य करने के प्रदेश सरकार के प्रयासों को बल देने के लिए केदारनाथ और भुज जैसी त्रासदियों की तर्ज पर वित्तीय सहायता प्रदान करने की अपील की. सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार की वर्तमान राहत नियमावली के अनुरूप वित्तीय प्रावधान हिमाचल प्रदेश में हुए नुक्सान की पूर्ति के लिए अपर्याप्त है. सीएम ने कहा कि हिल्स स्टेट्स के लिए केंद्र सरकार की राहत नियमावली में बदलाव किया जाना चाहिए क्योंकि यहां रिस्टोरेशन के कार्यों में ज्यादा खर्चा आता है. उन्होंने राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों और आपदा की गंभीरता को देखते हुए विशेष राहत पैकेज का आग्रह किया.