बद्रीनाथ: केंद्र पोषित बद्रीनाथ-केदारनाथ पुनर्निर्माण के तहत हो रहे कार्यों पर स्थानीय दुकानदारों और तीर्थ पुरोहितों ने भारी नाराजगी व्यक्त की है. 1 महीने से अधिक का कार्मिक अनशन शुरू होने के बावजूद भी अभी तक शासन-प्रशासन की और से अनशनकारियों की मांगों पर कोई कदम नहीं उठाया गया है. धार्मिक कार्य में हो रहे विलंब और लगातार चल रही पंडा-पुरोहितों की नाराजगी को देखते हुए कई राजनीतिक दल भी अब इनके समर्थन में खड़े हो गए हैं.
दरअसल पूरा मामला स्थानीय दुकानदारों को हटाए जाने का है. बद्रीनाथ धाम में मास्टर प्लान के तहत हो रहे निर्माण कार्यों के चलते तमाम दुकानदारों और कई तीर्थ पुरोहित एवं के घरों को भी ध्वस्त किया गया है. इस नाराजगी को लेकर स्थानीय दुकानदार और तीर्थ पुरोहित सरकार के खिलाफ हल्ला बोल कर रहे हैं.
इस पूरे मामले पर प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी ने भी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा की पांडा पुरोहित सरकार के खिलाफ विरोध कर रहे हैं, क्योंकि यहां के व्यापारियों को बिना कोई नोटिस दिए उनका रोजगार छीना गया. लगभग 75% व्यापारियों की दुकानों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया है और 30% हक हकूक धारियों के मकानों को तोड़ा जा चुका है. सरकार धर्म के नाम पर राजनीति कर रही है. 14 अगस्त से 14 अगस्त से अपनी मांगों को लेकर मास्टर प्लान संघर्ष समिति आमरण अनशन पर बैठी है. सरकार जल्द से जल्द समिति की 11 सूत्रीय मांगों को मानें और इस अनशन को खत्म कराए.