राजधानी देहरादून में 31वें नेपाली भाषा मान्यता दिवस समारोह का हुआ भव्य आयोजन

देहरादून: नेपाली भाषाको संसद में 20 अगस्त 1992 में भारतीय संविधान की 8वीं सूची में मान्यता मिली थी. इसलिए इस गौरवमयी दिवस को भारतवर्ष के सम्पूर्ण गोर्खा समुदाय द्‍वारा हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.

आज सर्वप्रथम कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राम सिंह थापा, ले०जनरल शक्ति गुरूंग, ले०जनरल राम सिंह प्रधान, गोर्खाली सुधार सभा के अध्‍यक्ष पदम सिंह थापा, ब्रिगेडियर पी०एस०गुरूंग, ब्रिगेडियर एस०एन०राई, भारतीय गोर्खा परिसंघ के अध्यक्ष कर्नल जीवन कुमार क्षेत्री, कर्नल डी०एस०खड़का, श्रीमती उपासना थापा ने दीप प्रज्जवलित करते हुए भाषा मान्यता प्रणेता स्व०आनन्द सिंह थापा एवं नरेंद्र कार्की को पुष्पांजलि अर्पित करते हुए कार्यक्रम का शुभारंभ किया.

कर्नल जीवन कुमार क्षेत्री ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए भाषा मान्यता दिवस की शुभकामनाएं दीं. सी०के राई ने भाषा मान्यता के इतिहास पर प्रकाश डाला.

मीडिया प्रभारी प्रभा शाह ने अवगत कराया कि, आज की युवा पीढ़ी में अपनी मातृभाषा, संस्कृति एवं परम्पराओं की जागरूकता हेतु एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया है जिसका विषय उत्तराखण्ड में नेपाली भाषा एवं गोर्खाओं का अस्तित्व है.

इस विषय पर इन्होंने अपने -अपने विचार रखे-

१) रेजुल राई

२) रितिका गुरूंग

३) सुदीक्षा

४) मनीषा लिम्बु

५) निम्मी थापा

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के करकमलो द्‍वारा श्री पी०एन ०राई द्‍वारा लिखित कथा संग्रह ( पुस्तक) आफ्नो हूलबाट छुट्टिये पछि का विमोचन भी किया गया और उन्हें साहित्य सम्मान से सम्मानित भी किया गया.

इस अवसर पर भाषा मान्यता हेतु अभूतपूर्व योगदान हेतु भाषा संग्रामियों एवं उनके परिवारजनों को सम्मानित भी किया गया-

१) राधा सुब्बा

२) मधुबाला गुरूंग

३) लोकमाया राई

४) शांति आले

५) निशा कार्की

कार्यक्रम में अपनी सांस्कृतिक विरासत की झलक दिखाने हेतु रंगारंग सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियों ने भी दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया. कार्यक्रम का संचालन कै.वाई.बी.थापा और देवकाला देवान ने किया.

मुख्य अतिथि राम सिंह थापा ने कहा कि भाषा बोली, कला , साहित्य एवं सांस्‍कृतिक परम्पराओं का संरक्षण एवं संवर्धन करने में हम सबका योगदान महत्वपूर्ण है.

गोर्खाली सुधार सभा के अध्‍यक्ष पदम सिंह थापाजी ने भाषा मान्यता दिवस आयोजनकी सराहना करते हुए कहा कि भाषा जागरूता प्रति यह एक सकारात्मक संदेश भी है.

कर्नल जीवन कुमार क्षेत्री ने सहयोग हेतु गोर्खाली सुधार सभा का हार्दिक आभार जताया.

इस अवसर पर – मधु गुरूंग, इंजिनियर मेग बहादुर थापा, महिला अध्‍यक्षा संध्या राई, शमा गुरूंग, दीपा शाही, मीना राई, मधुसूदन शर्मा, बसंत कुमार गुरूंग, कर्नल विक्रम सिंह थापा, एस.एस.कँवर, कर्नल ईश्वर थापा, कर्नल आर.एस क्षेत्री, रमन थापा, ओ.पी.गुरूंग, श्याम राना, बसंत कुमार गुरूंग, पी.डी.लिम्बू, दुर्गा गुरूंग, दीपक थापा, गोविंद पंथी, ललित थापा, सी.बी.गुरूंग एवं भाषा प्रेमी महानुभावजन उपस्थित थे.

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