बीजिंग: ताइवानी उपराष्ट्रपति विलियम लाई इन दिनों अमेरिका के दौरे पर हैं. ऐसे में यह दौरा कई मायनों में ख़ास माना जा रहा है. क्योंकि यह तो जग विदित है कि चीन और अमेरिका की कभी आपस में नहीं बनी है और कोरोनावायरस के प्रकोप के बाद यह तकरार आर पार की लड़ाई में बदल गई है. ऐसे में चीन के करीबी ताइवान के उपराष्ट्रपति का अमेरिका दौरा चीन को परेशान कर रहा है. कहा यह भी जा सकता है कि अमेरिका की नई दोस्ती पुराने दुश्मन को गहरी चोट पहुँचा रही है.
पहले अमेरिकी राजदूत निक्की हैली का ताइवान दौरा और अब ताइवानी उपराष्ट्रपति विलियम लाई की अमेरिकी यात्रा से चीन तिलमिला उठा है और चीन जब भी अपने को हारा महसूस करता है तो वह युध्द करने की धमकी से अपने पड़ोसियों को डराता है. कुछ ऐसा ही हुआ ताइवान के साथ शनिवार को ताइवान के आसपास चीनी सैन्य अभ्यास देखने को मिले. चीन ने गुस्से में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह अलगाववादी ताकतों के लिए एक ‘गंभीर चेतावनी‘ है.
ड्रैगन का यह ग़ुस्सा अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर है दरअसल ड्रैगन राष्ट्रपति चुनाव से पहले वोटरों को डराना चाहता है. ख़बरें यह भी है कि ताइवान में राष्ट्रपति बनने के प्रबल दावेदार लाई है और यह 18 अगस्त को अमेरिका दौरे से वापस ताइवान लौटे हैं.