देहरादून के विकास उनियाल मंदिर में अर्पित फूलों से बनाते हैं धूप व अगरबत्ती

देहरादून: सच कहूंगा से बातचीत में विकास उनियाल कहते हैं कि उन्होंने इसके लिए लखनऊ, कानपुर व देहरादून में ट्रेनिंग ली और अपने साथ 15 लोगों को जोड़कर काम की शुरुआत की. आज देहरादून के प्लांट से तैयार भावना अगरबत्ती और धूप घर-घर में इस्तेमाल होते हुए आसानी से देखी जा सकती है. विकास उनियाल अपने प्रोडक्ट को सफलता की उस ऊंचाई पर ले जा पहुंचे हैं कि अब विदेशों से भी उन्हें आर्डर मिल रहे हैं उन्होंने इंडोनेशिया, चाइना, निदरलैंड में अपना प्रोडक्ट एक्सपोर्ट भी किया है.

 

मार्केट में तेजी से बढ़ रही डिमांड

विकास उनियाल कहते हैं की मंदिरों में अर्पित फूलों से बनाई गई धूपबत्ती और अगरबत्तियां कस्टमर को इतनी ज्यादा पसंद आ रही हैं कि लोग इन्हें बार-बार खरीदना पसंद कर रहे हैं. इसलिए लगातार मार्केट में उनके प्रोडक्ट के डिमांड बढ़ रही है. अब उन्हें ज्यादा बड़ी मात्रा में प्रोडक्शन करने के लिए मंदिरों में अर्पित किए जाने वाले फूल कम पड़ रहे हैं. इसलिए वह फूलों की खेती करने वाले किसानों से फूल खरीद कर अपना प्रोडक्ट तैयार कर रहे हैं. वह धर्मनगरी हरिद्वार में भी अपनी एक यूनिट स्थापित करने जा रहे हैं. जहां पर मंदिरों में से निकलने वाले फूलों के कूड़े से अगरबत्तियां तैयार की जाएगी.

 

ऐसे तैयार होती है वेस्ट फूलों से अगरबत्ती और धूप

विकास उनियाल ने बताया कि अमूमन बाजारों में मिलने वाली अगरबत्ती और धूप में कोयल और फ्रेगरेंस के लिए केमिकल का इस्तेमाल होता है और इसको बनाने का प्रिंसिपल भी यही कहता है. इसलिए वह सबसे पहले फूलों के वेस्ट को पाउडर फॉर्म में बदलते हैं और कोयले की जगह अगरबत्ती या धूप में वेस्ट फूलों का पाउडर इस्तेमाल किया जाता है. फ्रेगरेंस के लिए वह प्योर सिंथेटिक का इस्तेमाल करते हैं जिससे कि खुशबू अच्छी आती है व केमिकल का इस्तेमाल भी नहीं करना पड़ता और कुछ इस तरह से तैयार होती है मंदिर में अर्पित किए जाने वाले फूलों से अगरबत्ती और धूप.

 

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