सुमित: मैनपुरी के भोगांव सर्किल में तैनात डिप्टी एसपी (पूर्व में सीओ) ऋषिकांत शुक्ला को आय से अधिक संपत्ति के मामले में निलंबित कर दिया गया है. विजिलेंस (सतर्कता) जांच में खुलासा हुआ है कि मात्र 10 साल की सेवा के दौरान उन्होंने 100 करोड़ रुपये से अधिक की अकूत और बेनामी संपत्ति खड़ी कर ली.
एसआईटी (SIT) और विजिलेंस जांच में ऋषिकांत शुक्ला की इस संपत्ति का मुख्य केंद्र कानपुर नगर पाया गया है। ज्ञात स्रोतों से आय के मुकाबले यह संपत्ति कई गुना अधिक है.
12 प्राइम लोकेशन पर जमीनें:
जांच रिपोर्ट में 12 संपत्तियों का उल्लेख है, जिनकी वर्तमान बाजार कीमत लगभग 92 करोड़ रुपये आंकी गई है.
11 कमर्शियल दुकानें:
कानपुर के पॉश आर्यनगर इलाके में कथित तौर पर 11 व्यावसायिक दुकानें उनके एक सहयोगी देवेंद्र दुबे के नाम पर बेनामी संपत्ति के रूप में दर्ज हैं.
अन्य संपत्तियां और निवेश:
कुछ अन्य आलीशान मकानों और संपत्तियों के अभिलेख अभी भी जांच के दायरे में हैं. रिपोर्ट के अनुसार, शुक्ला वर्ष 1998 से 2009 के दौरान लगभग 10 वर्षों तक कानपुर नगर में उपनिरीक्षक (Sub-Inspector) से लेकर अन्य पदों पर तैनात रहे थे. इसी दौरान उन्होंने कानपुर के एक चर्चित वकील और कथित अपराधी अखिलेश दुबे से नजदीकी बढ़ाई और उसके गिरोह के साथ मिलकर फर्जी मुकदमे, जबरन वसूली और जमीन कब्जाने जैसे अपराधों के माध्यम से यह काला धन रियल एस्टेट में लगाया.
फिलहाल, उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया है और मामले की विस्तृत विजिलेंस जांच (Vigilance Inquiry) का आदेश दिया गया है, ताकि संपत्ति के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके।