अरशद खान: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण की दिशा में एक बड़ी सकारात्मक खबर सामने आई है. इस सीजन में पंजाब और हरियाणा में पराली (फसल अवशेष) जलाने की घटनाओं में पिछले साल के मुकाबले 50% तक की उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है.
सरकारी और उपग्रह डेटा (Satellite Data) के अनुसार, सितंबर के मध्य से लेकर वर्तमान समय तक दोनों राज्यों में खेत की आग की कुल संख्या में यह महत्वपूर्ण गिरावट दर्ज की गई है. उदाहरण के लिए, पंजाब में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में यह कमी 40% से अधिक और हरियाणा में 50% से अधिक है. कुछ रिपोर्टों में यह गिरावट 55% से भी अधिक बताई गई है, जो एक बड़ा बदलाव है.
इस उत्साहजनक स्थिति का मुख्य श्रेय राज्य सरकारों द्वारा सख्त निगरानी, विस्तृत जागरूकता अभियानों और किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन (CRM) के लिए सब्सिडी पर मशीनरी (जैसे हैप्पी सीडर, सुपर सीडर) उपलब्ध कराने के प्रयासों को जाता है. इसके अलावा, इस साल कुछ क्षेत्रों में आई बाढ़ के कारण कटाई में देरी और खेतों में नमी बनी रहने से भी पराली जलाने में अनैच्छिक कमी आई है.
हालांकि, अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि नवंबर का पहला सप्ताह पराली जलाने के मामलों में सबसे अधिक संवेदनशील होता है, इसलिए जमीनी स्तर पर निगरानी अभी भी जारी है. फिर भी, यह महत्वपूर्ण कमी दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने की दिशा में एक बड़ी सफलता है और यह दर्शाती है कि सरकारों और किसानों के संयुक्त प्रयासों से इस गंभीर पर्यावरणीय चुनौती का समाधान संभव है.