History of Punjab: मौर्य, गुप्त, गजनवी, गौरी, तुगलक, लोदी ! पंजाब के इतिहास में हुई हजारों उठापटक

पंजाब: गुरु नानक देव (guru nanak dev) की धरती, वीर सपूतों की धरती (land of veterans), किसानों की सरजमीं (land of farmers), देश की आन-बान शान, ‘साड्डा पंजाब’. पंजाब (Punjab) औद्योगिक क्षेत्र (industrial area) में आगे है, तो पंजाब खेती-किसानी (Punjab farmer) में भी सबसे आगे है. पंजाब देश को सैनिक देने में सबसे आगे हैं, तो पंजाब एजुकेशन (Punjab education) में भी आगे है. पंजाब टूरिज्म (Punjab tourism) में आगे है, तो पंजाब मैन्युफैक्चरिंग (Punjab manufacturing) में भी आगे है. पंजाब (Punjab) आज देश के सबसे अग्रणी राज्यों (state in India) में से एक है. पंजाबियों के जुनून और हौसलों का आज हर कोई मुरीद है.

लेकिन क्या आप जानते थे की प्राचीन समय में असल में पंजाब पर किसका राज था ? पंजाब में कौन रहता था ? पंजाब पंजाबियों का नहीं बल्कि मौर्य (morya), गुप्त (gupt), यूनानी (unani), शक, जातियों था. मुगलों (mugal) से पहले पंजाब (Punjab) में इन्हीं शक्तियों का राज हुआ करता था. पंजाब की धरती पर कई उठा पटक हुई और कई शक्तिशाली शासनकारियों का दमन भी हुआ.

पंजाब की धरती पर कई मुगल शासको (mugal rule) ने भी राज किया गुलाम कबीला (gulam vansh), खिलजी कबीला (khilji vansh), तुगलक और लोदी, गजनवी और गोरी इन सभी मुगल शासको ने एकाएक पंजाब की धरती पर अपना कहर बरपाया. लेकिन वो कहते हैं न कि एक दिन बुराई का अंत होता ही है. पंजाब में भी ऐसा ही हुआ गुरु अत्याचारी क्रूर अत्याचारी मुगल शासकों के खिलाफ पंजाब की धरती से एक चिंगारी निकली. यह चिंगारी धार्मिक और सामाजिक परिवेश को बदलने वाली थी और अत्याचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाली थी. सिख गुरु, गुरु नानक देव जी (guru nanak dev ji) ने पंजाब को आंदोलन करना सिखाया और पंजाब में फैल रही शिक्षा और धार्मिक भ्रांतियों को दूर करने का आत्मबल दिया.

सिखों के एक और गुरु गोविन्द सिंह (guru Gobind) ने पंजाब को एकजुट किया (Khalsa pant) और मुगलों के खिलाफ जन आंदोलन छेड़ा. गुरु गोविंद सिंह ने मुगलों के चुंगल से पंजाब को छुड़ाकर पंजाबी राज की स्थापना की. एक तरफ पंजाब से जंगल राज खत्म हुआ ही था तो वहीं दूसरी तरफ अंग्रेजों की साजिशों से पंजाब पस्त हुआ और पंजाब में अंग्रेजी हुकूमत (British rule) का साम्राज्य बना. यूं तो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) को देश की आजादी का श्रेय दिया जाता है. लेकिन पंजाब में अंग्रेजों से आजादी की यह चिंगारी महात्मा गांधी के अभियान से पहले ही शुरू हो गई थी.

स्वतंत्रता आंदोलन (swatantrata aandolan) में पंजाब के लोगों ने बढ़-चढ़कर भागीदारी दी और देश आजादी के लिए अपने प्राण भी न्यौछावर किए. पंजाब ही वह राज्य है जिसने भारत-पाकिस्तान (India Pakistan) विभाजन का सबसे बड़ा दुख झेला. खूनी संघर्ष से भी पंजाब जंग जीता और अपने बलिदान से देश और दुनिया (world) में सबसे आगे रहा. आपने अक्सर पंजाब से निकली कई क्रांतिकारी कहानी तो सुनी ही होगी, नहीं सुनी है..

तो सरदार भगत सिंह (sardar Bhagat Singh) का नाम तो आपने सुना ही होगा. यह वही वीर सपूत है जो पंजाब की धरती पर जन्मा और अंग्रेजों से लड़ाई में अपनी शहादत दी. अर्जन सिंह नलवा (Arjan Singh nalwa) को शायद बहुत कम लोग जानते होंगे लेकिन यह भी एक वीर क्रांतिकारी थे. हालही में इनपर बना एनिमल मूवी (animal movie) का एक सॉन्ग (song) भी सुपर हिट (super hit) हुआ.

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