श्रीगोपाल नारसन/रुड़की:
शिव.
शिव साधना कीजिए
परमपिता को याद कीजिए
गुरु भी शिव परमात्मा है
शिक्षक भी शिव परमात्मा है
बच्चे है हम शिव परमात्मा के
याद शिव को ही कीजिए
शिव ही कल्याणकारी है
शिव ही मंगलकारी है
पतित से पावन बनाते है
भोलेभंडारी कहलाते है
जन्म मरण से परे है शिव
ज्योति बिंदु स्वरूप है शिव
अपनी आत्म ज्योति जगा लो
परमात्मा से सम्बन्ध बना लो
तमस से उजाला हो जाएगा
सतयुग सहज ही आ जाएगा